The Great Indian Emperor - Chhatrapati Shiva ji Maharaj
शिवाजी का जन्म १९ फरवरी १६३० में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था ! उनके पिता शाह जी भोंसले एक शक्तिशाली सामंत व माता जीजाबाई थी ! शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी !
शिवाजी का जन्म व अन्य लोकभ्रांति
शिवाजी का जन्म १९ फरवरी १६३० को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उद्घोषित तिथि पर मनाया जाता हैं ! शिवाजी महाराज के जन्म के विषय में कई लोगों का मत हैं कि शिवाजी महाराज का जन्म ६ अप्रैल को १६२७ में हुआ था वंही कई अन्य लोक अपने मतानुसार अन्य दिवसों में भी शिवाजी महाराज का जन्मदिन मनाते हैं !
शिवाई देवी के नाम पर रखा नाम शिवाजी
माता जीजाबाई जो कि माता शिवाई देवी की अनन्य भक्त थी, माता से प्रार्थना की कि उन्हें एक ऐसा शक्तिशाली पुत्र दे जो उनके कुल को एक नई पहचान व् दिशा प्रदान कर सके !
माता के आशीर्वाद फलस्वरूप जब जीजाबाई को रत्न के स्वरुप एक पुत्र प्राप्त हुआ तब उन्होंने माता के आशीर्वाद को उनके ही नाम शिवाई के साथ जोड़ने हेतु अपने पुत्र को शिवा के नाम से उद्घोषित किया !
और वहीँ शिवा आगे चल कर मराठा सम्राज्य के संस्थापक बने और छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जग में विख्यात हुए !
शिवाजी का जन्म व अन्य लोकभ्रांति
शिवाजी का जन्म १९ फरवरी १६३० को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उद्घोषित तिथि पर मनाया जाता हैं ! शिवाजी महाराज के जन्म के विषय में कई लोगों का मत हैं कि शिवाजी महाराज का जन्म ६ अप्रैल को १६२७ में हुआ था वंही कई अन्य लोक अपने मतानुसार अन्य दिवसों में भी शिवाजी महाराज का जन्मदिन मनाते हैं !
शिवाई देवी के नाम पर रखा नाम शिवाजी
माता जीजाबाई जो कि माता शिवाई देवी की अनन्य भक्त थी, माता से प्रार्थना की कि उन्हें एक ऐसा शक्तिशाली पुत्र दे जो उनके कुल को एक नई पहचान व् दिशा प्रदान कर सके !
माता के आशीर्वाद फलस्वरूप जब जीजाबाई को रत्न के स्वरुप एक पुत्र प्राप्त हुआ तब उन्होंने माता के आशीर्वाद को उनके ही नाम शिवाई के साथ जोड़ने हेतु अपने पुत्र को शिवा के नाम से उद्घोषित किया !
और वहीँ शिवा आगे चल कर मराठा सम्राज्य के संस्थापक बने और छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जग में विख्यात हुए !
Shivaji also known as Chhatrapati Shivaji was an Indian emperor and founder of Maratha Empire. Shivaji Maharaj was a brave and kind emperor.
- He was born around 7 April, 1627 in a fort of Pune (there is a confusion about the exact date).
- His parents were Shahaji Bhosale and Jijabai. His father was a Mercenary of Bijapur sultan. His Guru Dadoji Kondeo was a friend of Shahaji. His mother and his guru transferred the idea of Hindavi Swarajya (an empire which will be ruled by Hindu king and not by Muslim king) to him.
- From childhood he was a brave boy and showed the qualities of a ruler. He had great interest in religious teachings. He studied Ramayana and Mahabharata with great interest.
- His first attack was on the Torna fort. He captured the fort only at an age of 16. After capturing Torna fort, he captured Kondana and Rajgad forts. At the rise of Shivaji’s power Bijapur sultan arrested his father. Shivaji captured theforts of Purander and Javeli after rescuing his father from the Bijapur sultan’s prison.
- Mughal samrat Aurangzeb sent Jai Singh and Dilip Khan to stop Shivaji. Shivaji was forced to sign the treaty of Purander. According to this treaty, he gave about 24 forts to mughal king. He was invited to Agra by Aurangjeb. Shivaji was arrested and imprisoned in Agra. But he escaped from Agra and returned to his kingdom. Returning from imprison, he recaptured the forts which he lost in the treaty of Purander. During this time he took the title ‘Chhatrapati’.
- He was the head person in his administration. But there were other persons and cabinets (Ashtapradhan mandal composed of eight ministers) to help him. Many taxes were collected at that time but he never collected taxes forcefully. People had the freedom to choose any religion. He took care of his people like a father.
- He built a strong army. He introduced the guerrilla warfare tactics. He also built a strong Navy. He is called the “Father of Indian Navy”.
- Shivaji died in 1680 after suffering fever for 3 weeks.
Quick facts about Shivaji
Name : Shivaji Bhosle
Born : 1627
Family : Father- Shahaji Bhosle, Mother- Jijabai
Famous as : Founder of Maratha Empire
Died : 1680
----------------------------------------------------------------------------------------------- JAI HIND , JAI BHARAT
Thanks - Krishnakant Savita "KK" _/\_
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