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Showing posts from 2016

कहाँ से आया 'भारत माता की जय' - हमारी भारत माता

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पिछले कुछ समय से 'भारत माता' और 'भारत माता की जय,' इसे लेकर देशभर में खूब विवाद हो रहा है। कोई पार्टी कहती है कि यह नारा देश के लिए आपके समर्पण भाव को दिखाता है तो कोई पार्टी कहती है कि इस नारे का मकसद देश का भगवाकरण करना है। कोई व्‍यक्ति कहता है कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेगा तो कोई कहता है कि वह जोर-शोर से इस नारे को कहेगा। खैर हम यहां पर विवादों पर कोई टिप्‍पणी नहीं करना चाहते हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि आप भारत माता और भारत माता की जय, क्‍या है और इसका क्‍या महत्‍व रहा है। दरअसल यह किस्‍सा देश की आजादी से पहले का है जब देश में आजादी की लड़ाई आगे बढ़ाई जा रही थी। उसी समय देश को भारत माता माना गया था। सन 1873 में पहली बार नजर आईं भारत माता भारत माता की जो तस्‍वीर आज आप देखते हहैं उसे 19वीं सदी के आखिरी में स्‍वतंत्रता संग्राम में तैयार किया गया था। किरन चंद्र बनर्जी ने एक नाटक लिखा था जिसका टाइटम था, 'भारत माता,' इस नाटक का प्रदर्शन सन 1873 में किया गया था। यहीं से 'भारत माता की जय' इस नारे के शुरू होने के बारे में बातें कही

The Great Indian Emperor - Chhatrapati Shiva ji Maharaj

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शिवाजी का जन्म १९ फरवरी १६३० में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था ! उनके पिता शाह जी भोंसले एक शक्तिशाली सामंत व माता जीजाबाई थी ! शिवाजी ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी !  शिवाजी का जन्म व अन्य लोकभ्रांति  शिवाजी का जन्म १९ फरवरी १६३० को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उद्घोषित तिथि पर मनाया जाता हैं ! शिवाजी महाराज के जन्म के विषय में कई लोगों का मत हैं कि शिवाजी महाराज का जन्म ६ अप्रैल को १६२७ में हुआ  था वंही कई अन्य लोक अपने मतानुसार अन्य दिवसों में भी शिवाजी महाराज का जन्मदिन मनाते हैं ! शिवाई देवी के नाम पर रखा नाम शिवाजी माता जीजाबाई जो कि माता शिवाई देवी की अनन्य भक्त थी, माता से प्रार्थना की कि उन्हें एक ऐसा शक्तिशाली पुत्र दे जो उनके कुल को एक नई पहचान व् दिशा प्रदान कर सके ! माता के आशीर्वाद फलस्वरूप जब जीजाबाई को रत्न के स्वरुप एक पुत्र प्राप्त हुआ तब उन्होंने माता के आशीर्वाद को उनके ही नाम शिवाई के साथ जोड़ने हेतु अपने पुत्र को शिवा के नाम से उद्घोषित किया ! और वहीँ शिवा आगे चल कर मराठा सम्राज्य के संस्थापक बने और छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जग में विख्यात हुए ! Sh

Neta ji Subhash Chandra Bose ji ki pawan jayanti - Bharat ke Maha Purush

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक के एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था। बोस के पिता का नाम 'जानकीनाथ बोस' और माँ का नाम 'प्रभावती' था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे। अपने सभी भाइयों में से सुभाष को सबसे अधिक लगाव शरदचंद्र से था। नेताजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। तत्पश्चात् उनकी शिक्षा कलकत्ता के प्रेज़िडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई, और बाद में भारतीय प्रशासनिक सेवा (इण्डियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया। अँग्रेज़ी शासन काल में भारतीयों के लिए सिविल सर्विस में जाना बहुत कठिन था किंतु उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया। 1921 में भारत में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों का समाचार पाकर बोस ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और शीघ्र भारत लौट

The Best Country In The World - INDIA

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India is one, among the best country in the world. We may not be so much advance in technology, education, living standards, richness etc, but we have some other things which the other countries don't have & these unique qualities are very much necessary for every person on earth. Our manners, way of communicating with one another, etc are one of the important components which differentiate us from others. Even though we have accepted modern means of living, improved our lifestyle, our values and beliefs still remain unchanged. A person can change his way of clothing, way of eating and living but the rich values in a person always remains unchanged because we are deeply rooted within our hearts, mind, body and soul which we receive from our Indian culture.   We treat guests as god and serves them and takes care of them . Even though we don’t have anything to eat, the guests are never left hungry and are always looked after by the members of the family. Elders and the re

हमारा भारत महान

भारत देश को सोने की चड़िया कहा जाता है । हमारा भारत देश वह देश है जहाँ माताएं भगवान को अपनी गोद में खिलाती हैं । हमारे देश का नाम राजा दुष्यंत और रानी शकुन्तला के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा । भारत देश का प्राचीन नाम आर्यवर्त था । परंतु अंग्रेजो ने इसे इंडिया का नाम दिया । हमारा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है । यहाँ प्रकार की जातियां , प्रकार की भाषाएँ ,कई प्रकार के धर्मो के लोग रहते है । हमारे देश में कई देवी देवताओं का निवास है । और कई तीर्थस्थल भी है ।हमारे राजधानी दिल्ली है । हमारा देश कृषि प्रधान देश है । जहां कई प्रकार की फसलें उगाई जाती है । हमारे देश में कई तरह के त्यौहार मनाये जाते है । अन्न की दृष्टि में हमारा देश आत्मनिर्भर देश है । हमारा देश लोकतंत्र देश है । भारत देश एक धर्मनिरपेक्ष देश भी कहलाया जाता है । अंग्रेजो ने भारत देश पर २०० साल तक राज किया । इस दौरान हमारे देश में कई क्रान्तिकारी और महापुरुष हुए । हमारे देश को १५ अगस्त १९४७ में अंग्रेजो से आजाद करवाया गया । हमारे देश में कई प्रकार की संस्कृति और सभ्यता है ।  (रामसनेही लाल शर्मा) उगे न जहाँ घृणा की